मुझे हँसा गयी, उसकी इक तस्वीर आज,
बिन कहे वो उसके अलफ़ाज़,
बिन सुने ही कह देना दिल में है क्या,
मुझे ठग गयी उसकी प्यारी आवाज़ ,
वो बिन रुके, हर बात इक साथ,
मुझे छू गयी उसकी मुस्कान,
वह चेहरा, वह उठी हुई सी नाक,
जो कहता मुझको नकचढ़ी बार बार,
आँखों से बड़े हैं तेरे सवाल,
कहके यू पलट देता मेरी हर इक बात,
सवालों पे वह लगाता है पहरा,
शायद हर जवाब उसको है पता,
मिल जाये थोड़ा सुकूम,
सुनके उसकी हर इक बात,
मुझसे शुरू वह बेवजह,
उसकी हर इक बात,
बेवजह ही क्यों उसने छेड़ दी....
बिजलिया......
शौक़ है उसको शायद,
मुझसे यु उलझना...
थोड़ा मुझको यु हसाना...
थोड़ा चिढ़ाना,
करना अपनी ही मर्ज़ी,
मुझसे यु लड़ना,
बेवजह की बातें,
और मिर्च खाना।
(For all who cannot read the hindi script but underestand it)
Mujhe hasa gayi, uski ik tasveer aaj...
Bin kahe Woh uske alfaaz...
Bin sune hi keh dena dil me hai kya...
Mujhe thag gyi uski pyari aawaaz....
Woh bin ruke, Har baat iksaath...
Mujhe chhu gyi uski muskaan...
Woh chehra, Woh utthi hui si naak....
Jo kehta mujhko nakchadi bar bar...
Aankhon se bade tere sawaal hai...
Kehke YU palat deta meri baat...
Sawalon pe Woh lagta hai pehraa..
Shayad Har jawab usko hai pata...
Mil jaye thoda sukuu...
Sun ke Uski Har baat...
Mujhse shuru woh bewajah....
Uski har ik baaat...
Bewajah hi kyo usne chhed di...
Bijliyaaaaaaa.....
Shauk hai usko shayad
Mujhse yu ulajhna...
Thoda mujhko yu hasaana...
Thoda chidhaana...
Karna apni hi marzi...
Mujhse yu ladna...
Bewajah ki baatein...
Aur mirch khaana...
©Ravinder Kaur
25/02/2016
(Image source: Google Images)