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Saturday, December 16, 2017

Filled up Emptiness...













Empty bottles still make me remember you... and so do tea cups...and the name "silly" gets automatically related to you...








It's like you have drowned me in your emptiness while taking away my contagious laughter...






It's like you have inhaled all my breaths and tormented all my heartbeats...






It's like the sudden appearance of dark clouds around my world when everywhere else, there is sunshine...






No wonder, you have emptied all your noise into my vault of silence...deafening me night and day... captivating me in your spell... am bound to this world, whose creator is you...whose life is you and whose destructor is also you.






Friday, December 8, 2017

उड़ती धुन्द...




























धुंद के उड़ते कागज़ों पे तुम्हारी यादों के कतरे दिखते  हैं... मैं उन्हें पकड़ने की नाकाम कोशिशें करते- करते थक चुकी हूँ.... अब उलझे हुए सवालों की ठंडी हवाएं जिस्म पे चुभती हुई गुज़रती हैं... और मैं तुम्हारे प्यार की धूप  को तरसती हूँ...





कितनी अजीब बात है ना ...तुम्हारा प्यार उस कड़कड़ाती ठण्ड की धूप की तरह है, जिसमें कुछ देर बैठते ही मीठी नींद आने लगती है... और आँखें बोझिल हो के सपनों में खो जाती हैं... मगर, ज़्यादा देर उसी धूप में रहने से जिस्म जलने लगता है... और वापस आने पे, इस घर की ठंडी दीवारें क़ैदख़ाने सी लगने लगती हैं...





ये धुंद उड़ती हुई तुम्हारी यादें तो मुझ तक ले आती हैं... पर क्या मेरी यादें भी तुम तक आती होंगी? शायद नहीं!

अगर ऐसा होता, तो शायद इस धुंद की ठण्ड मुझे यूँ ग़म का चेहरा न दिखाती बल्कि, मैं मुस्कुरा उठती कि मैं तुम्हे आज भी याद हूँ !





इमेज : foap.com

Life is a withering winter

 When people ask me... do I still remember you? I go in a trance, my lips hold a smile and my eyes are visible with tears about to fall. I r...