Thursday, October 18, 2018

Between you and me...























Your name truly suits you "Assumptions" and mine "Conclusions". But you know without you I cannot be reached to and without me you are incomplete. So please stop assuming me and I would want to stop concluding you for what is there in between is yet to be lived, experienced and resolved.







Your value will always be variable but mine always constant but with you. You may call me stubborn and not wanting to change but your changes are highly irritating. But you know dear, if you change I shall have to change too. May be that is what you always wish for... to change me.





But there is something missing and that's what it is all about.The journey in between; the heart beating between two breaths, raindrops between the clouds and the ground.


Something that ought to be there but is not.The absent feelings ...the unknown derivation.


The dark...the truth.The story...the whole.


And not just the start and the end.





So stop loving me because my value changes in any case. And I become a variable and you obnoxiously a constantly terrifying catalyst to me. 





image:www.mirrorofmysoul.com



Saturday, October 13, 2018

Flowers on my grave...











Tell me how would you remember...


My giggles on swing rising high?


Tell me will you remember...


Those moments in the dark?


Twisted tongues and riddles...


Stutters and meaningless scribbles!





Tell me will you remember...


Those evening walks ending at nights,


Morning sun bathing out coldnight faces,


Tell me how will you remember my meaningless smiles?





On breakfast table your coffee going cold, 


My hot tea in your hand; kissing your lips for a while,


Will you remember those surprise visits intruding my dreams of you...


When sun bit the last slice of the noon bright?





When nights shun away the lights,


Tell me when will you sleep?


And not hide your face under the pillow;


When will you stop sharing those tears with the night skies?





When will you stop reminiscing?


When will you accept am gone far off sight?


Tell me when will you forget...


To weep and place your hands over me?





On this grave of mine...


Just walk past, don't look back!


Let this be the last flower,


On my grave in this lifetime!













Image : www.realclear.com

              www.hiveminer.com




Tuesday, October 2, 2018

घर वापसी (भाग ७ -"ये कैसी मोहब्बत है?")



घर वापसी, भाग ७ -ये कैसी मोहब्बत है









भाग- १ यहाँ पढ़ें https://www.loverhyme.com/2018/05/blog-post_99.html 

भाग -२ यहां पढ़ें https://www.loverhyme.com/2018/05/blog-post_25.html

भाग ३ यहां पढ़ें https://www.loverhyme.com/2018/05/blog-post_72.html

भाग ४ यहाँ पढ़ें https://www.loverhyme.com/2018/05/blog-post_27.html

भाग ५ यहां पढ़ें https://www.loverhyme.com/2018/06/blog-post_13.html

भाग ६ यहां पढ़ें https://www.loverhyme.com/2018/07/blog-post_5.html





















नल
के नीचे लगा घड़ा भर के छलक गया था... मेरे ध्यान न देने पर सब मेरा और
कैलाश का मज़ाक उड़ाने लगे। मैं झल्लाते हुए घड़ा उठाने को आगे हुई ही थी, कि
दो हाथों ने घड़ा बीच में ही अपनी तरफ खींच लिया। मेरे देखने से पहले ही
वीना और बुलबुल ज़ोर ज़ोर से हँसने लगीं ।





"लो! ... अब
ये ही बाकी रह गया था। ... जाओ दीदी चाय बना लाओ... कहो तो हम ही बना दें ,
तुम्हे तकल्लुफ  न हो तो...  " दोनों मुझे चिढ़ा रही थीं।








हाँ
इस आदमी ने तो मुझे यही खरीद रखा है, पता नहीं अम्मा जी को कितने हरे पत्ते
बाँट आता है कि वो इसे इस तरह यहाँ आने देती ... हाथ भींचते हुए, मेरा गुस्सा
सातवे आसमान पे चढ़ गया, मानो किसी के क़त्ल करने से कम अब मुमकिन ही नहीं
मेरे लिए।दिमाग अपने ही जाल बुनने में मगन था।







 क्या पता बेवक़ूफ़ ही बना रहा हो मुझे ये सब कहके कि मुझे यहां से निकाल लेगा।





मगर 
इसे मुझसे क्या फ़ायदा ??? सोच-सोच के दिल परेशान हो रहा था ... मुझे हाथ
भी नहीं लगाया आज तक ... मैं तो कोई पैसे- वाली भी नहीं। फिर क्या फ़ायदा
इसका मुझसे???









             एक मिनट !!! कहीं ये मुझे कहीं और ले जा के तो नहीं बेचने वाला ...ज़्यादा पैसों में ?






कमरे 
में घुसते ही मेरे चेहरे का उडा हुआ रंग देख कर कैलाश थोड़ी देर ठिठका।
मेरी आँखों में उन अनकहे सवालों को देख वो समझ गया, कि मेरा यकीन अब डोलने
लगा था।एकाएक मेरा हाथ पकड़, मुझे दीवार से टिकाकर, आँखों में आँखें
डालता हुआ वो बोला, " डर गयी ? तुम्हे कहा था ना...  कि निकाल लूंगा यहां से। ५
तारिख में अभी ४ दिन बाकी हैं। भरोसा टूट चुका है तुम्हारा, जानता हूँ !
इत्ते दिन इस टूटे हुए भरोसे  से गुज़ारा कर चुकी हो, थोड़ा सा भरोसा इस बन्दे पे भी
टिका के देख लो।  ज़बान दी है , मुकरुँगा नहीं।  बस ४ दिन !"







"क्यों कर रहे हो ये सब? तुम्हे इस सब से क्या हासिल होगा ? बोलो!!! ", दबी आवाज़ में, मैं उससे पूछने लगी।  






"शशशश.....
दीवारों के कान और आँखें होती हैं ... कुछ के चेहरे भी होते हैं, संभल
के! तुम्हारे सवालों का एक ही   जवाब दूंगा। और वो तुम हो अवनि , हाँ तुम।
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गयी है , और मोहब्बत में दूसरे को खुश देखने की
चाहत भर रहती है।अगर मैं तुम्हे इतना प्यार कर सकता हूँ, तो सोचो तुम्हारा
परिवार तुम्हे कितना प्यार करता होगा। शायद मेरे प्यार को तुम उन चंद
पैसों में तोल रही होगी। पर मुझे अगर वो सब करना होता जो यहां आया हुआ हर
शक़्स  करता है तो शायद मैं  इस तरह तुम्हारी आँखों में आँखें डालके ये सब
कहने की हिम्मत  नहीं जुटा सकता था। मेरी  मोहब्बत अपनी जगह है , मैं बस तुम्हे
यहां से निकालना चाहता हूँ, तुम्हे तुम्हारे अपनों के साथ देखना चाहता
हूँ। "







"क्या आज के ज़माने में तुम जैसे लोग भी होते हैं ?" मैं हैरानगी से उसकी बात काटते हुए बोली।








"अगर
नहीं होते तो मैं यहां नहीं आता... " उसके इतना कहने भर से, मेरे दिल को
सुकून आ गया था, शायद नहीं बल्कि मैं घर वापस ज़रूर जाउंगी ...४ दिन बाद। 
इक मुस्कराहट ने मेरे लबों को घेर लिया।

ये कैसी मोहब्बत है? फरिश्ता खुद चल के मुझे इस जहन्नुम से बचाने आया है।  उसकी आँखों में सच्चाई दिख रही थी।








 आखिर मेरी दुआ क़ुबूल होने के क़रीब है। 










मेरे हाथ एकाएक उसके पैरों को छूने को हुए। मुझे झुका हुआ देख उसने मुझे बीच थाम लिया।  







"मुझे खुदा का दर्जा  मत दो ... इंसान हूँ। तुम्हारे हाथ की इक प्याली चाय को तरसता हूँ , मिलेगी क्या? "








"हाँ अभी लायी ", छन से मेरे पांव  दौड़ पड़े  कमरे के बाहर।










image: www.gettyimages.dk


Life is a withering winter

 When people ask me... do I still remember you? I go in a trance, my lips hold a smile and my eyes are visible with tears about to fall. I r...